साल 1960, पुरा भारत गरीबी से जुज़ रहा था । । ऐसी ही एक गरीब और मजबूर लड़की का सौदा होता ठाकुर परिवार के साथ । । मीष्ठी जो एक छोटी जाति के किसान परिवार की बड़ी बेटी है । । गांव के ठाकुर की आंखों में बस जाती है और उसे हासिल करने के लिए वह ठाकुर बहुत बेरहम तरीके इस्तेमाल करता है । । और मीष्ठी को ना चाहते हुए भी ठाकुर की रखैल बनना पड़ता है । । हवस और मजबूरी से शुरू हुई यह कहानी कीतने दर्द भरे मोड़ से गुजरते हुए मिष्टी की मौत पर खत्म होगी या उसकी आजादी पर ? या फिर और भी कोई अंत हो सकता है इस "सौदे" का
मिष्ठी का "सौदा"
For Followersहमारे यहां गलतियों के लिए कोई जगह नहीं है
For Followersमिष्ठी का ठाकुर हवेली पहुंचना
For Followersउनकी मौज -मस्ती का "सामन"
For Followersउसकी " मासुमियत" से मज़ा आ जाएगा
For Followersनाज़ुक, मासूम, अछूती, और सारी हमारी
For Followersमुझे यह 'नहीं' दोबारा नहीं सुनाई देना चाहिए
For Followersवासनाओं के बंधन – Bonds of Passion
₹ 10उसे सिर पर सवार मत करो
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